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पुरातात्त्विक स्रोतों के अंतर्गत सबसे महत्त्वपूर्ण स्रोत अभिलेख हैं। ये अभिलेख अधिकांशतः स्तंभों, शिलाओं, ताम्रपत्रों, मुद्राओं, पात्रों, मूर्तियों आदि पर खुदे हुए मिलते हैं। जिन अभिलेखों पर उनकी तिथि अंकित नहीं है, उनके अक्षरों की बनावट के आधार पर मोटेतौर पर उनका काल निर्धारित किया जाता है।

हुमायूं का मकबरा दिल्ली में अकबर के शासन के दौरान बनाया गया था, और इसमें संगमरमर का एक विशाल गुंबद था।

पुर्तगाल के गवर्नर अल्फोंसो अल्बुकर्क ने बीजापुर के शासक से गोवा पर कब्जा कर लिया।

इंडियन हिस्ट्री बुक्स की सूची नीचे दी गई है:

अहिल्याबाई होलकर साधारण से किसान के घर पैदा हुई एक महिला थी, जिन्होंने सदैव अपने राज्य और वहां…

कलचुरि राजवंश – कलचुरि प्राचीन भारत का विख्यात था। इस वंश की शुरुआत राजा ईश्वरसेन उर्फ महाक्षत्रप ईश्वरदत्त ने की थी।'कलचुरी ' नाम से भारत में दो राजवंश थे- एक मध्य एवं पश्चिमी भारत में जिसे 'चेदी' 'हैहय' या 'उत्तरी कलचुरि' कहते हैं तथा दूसरा 'दक्षिणी कलचुरी' जिसने वर्तमान कर्नाटक के क्षेत्रों पर राज्य किया।

वेदांग : वैदिक काल के अंत में वेदों के अर्थ को अच्छी तरह समझने के लिए छः वेदांगों की रचना की गई। वेदों के छः अंग हैं- शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छंदशास्त्र और ज्योतिष। वैदिक स्वरों का शुद्ध उच्चारण करने के लिए शिक्षाशास्त्र का निर्माण हुआ। जिन सूत्रों में विधि और नियमों का प्रतिपादन किया गया है, वे कल्पसूत्र कहलाते हैं। कल्पसूत्रों के चार भाग हैं- श्रौतसूत्र, गृहसूत्र, धर्मसूत्र और शुल्वसूत्र। श्रौतसूत्रों में यज्ञ-संबंधी website नियमों का उल्लेख है। गृहसूत्रों में मानव के लौकिक और पारलौकिक कर्त्तव्यों का विवेचन है। धर्मसूत्रों में धार्मिक, सामाजिक एवं राजनीतिक कर्त्तव्यों का उल्लेख है। यज्ञ, हवन-कुंड, वेदी आदि के निर्माण का उल्लेख शुल्वसूत्र में किया गया है। व्याकरण-ग्रंथों में पाणिनि की अष्टाध्यायी महत्त्वपूर्ण है। ई.

पूर्व मध्यकालीन भारतीय समाज और संस्कृति के विषय में सर्वप्रथम अरब व्यापारियों एवं लेखकों से जानकारी प्राप्त होती है। इन व्यापारियों और लेखकों में अल-बिलादुरी, फरिश्ता, अल्बरूनी, सुलेमान और अलमसूदी महत्त्वपूर्ण हैं जिन्होंने भारत के बारे में लिखा है। फरिश्ता एक प्रसिद्ध इतिहासकार था, जिसने फारसी में इतिहास लिखा है। उसे बीजापुर के सुल्तान इब्राहीम आदिलशाह द्वितीय का संरक्षण प्राप्त था। महमूद गजनवी के साथ भारत आनेवाले अल्बरूनी (अबूरिहान) ने संस्कृत भाषा सीखकर भारतीय सभ्यता और संस्कृति को पूर्णरूप से जानने का प्रयास किया। उसने अपनी पुस्तक ‘तहकीक-ए-हिंद’ अर्थात् किताबुल-हिंद में भारतीय गणित, भौतिकी, रसायनशास्त्र, सृष्टिशास्त्र, ज्योतिष, भूगोल, दर्शन, धार्मिक क्रियाओं, रीति-रिवाजों और सामाजिक विचारधाराओं का प्रशंसनीय वर्णन किया है।

वेद : ब्राह्मण साहित्य में सर्वाधिक प्राचीन व महत्त्वपूर्ण ग्रंथ ऋग्वेद है। इस ग्रंथ से प्राचीन आर्यों के धार्मिक सामाजिक एवं आर्थिक जीवन पर अधिक और राजनीतिक जीवन पर अपेक्षाकृत कम प्रकाश पड़ता है।

धार्मिक साहित्य का उद्देश्य मुख्यतया अपने धर्म के सिद्धांतों का उपदेश देना था, इसलिए उनसे राजनीतिक गतिविधियों पर कम प्रकाश पड़ता है। राजनैतिक इतिहास-संबंधी जानकारी की दृष्टि से धर्मेतर साहित्य अधिक उपयोगी हैं।

लॉर्ड मिंटो द्वितीय ने वायसराय के रूप में कार्य किया

बाबर द्वारा मुगल साम्राज्य की स्थापना

रोमन साम्राज्य का इतिहास एवं इटली का एकीकरण

अंग्रेजो के अत्याचार से परेशान लोग अंग्रेजो के खिलाफ विद्रोह करने लगे। अधिकांश भारतीय विद्रोहियों ने बहादुर शाह ज़फर को भारत का राजा चुना और उनके अधीन वे एकजुट हो गए। अंग्रेजों की साजिश के सामने वो भी नहीं टिक पाए। उनके पतन से भारत में तीन सदी से ज्यादा पुराने मुगल शासन का अंत हो गया।

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